Saturday 17 June 2017

हास्य कविता


टीवी रिमोट सीरियल 


कहते है औरतें बहुत मेहनती होती हैं,
तभी तो टीवी के रिमोट के लिए झगडती है, 
जब वक़्त होता है खाने का, 
तभी तो वो टीवी के आगे जमती है,
कहकर पांच मिनट में आती हूँ ,
एक घंटा लगा देती हैं, 
मत पूछो की औरतें कितना मेहनती होती है, 
सीरियल की कहानी को अपने घर की कहानी समझ लेती है, 
टीवी के सामने बैठकर आंसू बहाने लगती है,
देखो पार्वती ने उसको मार दिया,
हाय राम ये उसने क्या कर दिया,
अरे साड़ी तो बोहोत अच्छी है उर्वशी की, 
पर सास बहुत तंग करती है दृष्टि की, 
घर घर में रिमोट की हुकूमत चलती है, 
तभी तो औरतें बहुत मेहनती होती है, 
झगडा रिमोट पर हर रोज़ मियां जी से होता है, 
और अंत में रिमोट हर बीवी के हाथ में होता है,
वैसे तो हर काम समय पर करती है,
पर जब सीरियल आये तो किसी की नहीं सुनती है ,
गलती से कोई रिमोट से चैनल हटा दे, 
तो ये सुना सुना कर अगले की उम्र ही घटा दे, 
देखो निकाल दिया ना मेरा सीरियल ,
ये कह कह कर पूरी ज़िन्दगी ही निकल दें,
वो तो कोई रीत ही नहीं बनी है ऐसी, 
वरना रिमोट की हर घर में पूजा होती, 
रिमोट होते देवता हर घर के, 
और सुबह शाम बस उसके नाम की आरती होती ।
By नेहा शर्मा 

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